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हिंदी दिवस की कविताएं


कविता---मेरे अंदर का लेखक

कहानी,गीत,कविताओं के
हर शब्दों के किरदार रचते
मैं कुछ और बन जाता हूँ
मैं, एक लेखक का जन्मदाता हूँ


 एक कल्प को सत्य बना कर
उसमें जीवन भरते हुए, मैं 
कई रंगों में खो जाता हूँ
मैं, एक लेखक बन जाता हूँ

कई किरदार मुझमें जन्म लेकर
 मुझमें  ही विलीन हो जाते हैं
उन गुम किरदारों के बीच
मैं भी गुमनाम लेखक बन खो जाता हूँ।

***
सीमा..✍️🎈
©®
#हिंदी दिवस प्रतियोगिता

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8 Comments

बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ

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Pratikhya Priyadarshini

22-Sep-2022 12:12 PM

Achha likha hai 💐

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Swati chourasia

20-Sep-2022 07:55 PM

बहुत खूब 👌

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